नई दिल्ली | Air india express – के 300 कर्मचारी एक साथ बीमार कैसे हुए ?
टाटा ग्रुप ने जब से एयर इंडिया को अपने हाथ मे लिया है तबसे उसे अलग अलग मुश्किलों से जूझना पड़ रहा हैं ।
कभी फ्लाइट मे खराब खाने की शिकायत आई तो कभी यात्रियों के मिसबिहेव की इसी बीच टाटा ग्रुप ने अपने पूरे एयरलाइन्स बिजनेस का आपस मे मर्जर करने का और रीब्रांडींग का फैसला लिया उन्हे लगा शायद इससे एयरलाइंस का बिजनेस काफी हद तक आसान होजाएगा । लेकिन मुश्किलें सुलझने के बजाए उलजती ही जा रही हैं । एयर इंडिया के 300 से ज्यादा कर्मचारी मास सिक लीव पर चले गए हैं इसकी वजह से एयर इंडिया को 78 उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं । मास सिक लीव का मतलब होता हैं बीमारी का बहाना बना कर बड़ी संख्या मे कर्मचारी छुट्टी पर जाते हैं । ऐसे मे सवाल उठता हैं आखिर क्यू इतने सारे कर्मचारी अचानक गायब हुए।
अपने एयरलाइंस व्यापार को मजबूत करने के लिए टाटा ग्रुप – एयर इंडिया एक्स्प्रेस और air asia कनेक्ट के साथ विस्तारा का एयर इंडिया मे विलय कर रहा है जिसके चलते कर्मचारियों को जॉब असुरक्षा का डर सता रहा हैं । कर्मचारियों को शिकायत ये हैं की ज्येष्ठता होने के बाद भी कम सैलरी दी जारी हैं , कुछ कर्मचारियों को इस बात से दिक्कत है की मर्जर के बाद उन्हे कोन्टरकट पर क्यू रखा गया हैं ? वही कुछ लोग प्रबंध और भेदभाव पूर्ण रव्वयए का विरोध कर रहे हैं , इसीलिए उन्होंने बीमारी को वजह बता कर छुट्टी ली हैं । इसी संबंध मे एयर इंडिया एक्स्प्रेस कर्मचारियों ने पिछले महीने कंपनी मॅनेजमेंट को चिट्ठी भी लिखी थी इस लेटर मे कर्मचारियों ने अपनी मागों और समस्याओं को रखा था । इसमे लिखा था एयर इंडिया के अधिग्रहण के कुछ दिन बाद ही कई कर्मचारियों को उनका बेहतरीन रिकॉर्ड होने के बावजूद नौकरी से निकाल दिया गया ।जबकि अधिग्रहण के वक्त वित्तमंत्री निर्मल सितारमन ने ये आश्वासन दिया था की 2 साल तक किसी को नोकरी से नहीं निकाला जाएगा ।

टाटा कोड ऑफ कंडक्ट मे विसल बलोर के कॉन्सेप्ट का जिक्र हैं लेकिन ये काफी हद तक एक तरफा हैं । यानि की बॉस को सपोर्ट करता हैं । जब भी कोई कर्मचारी या डिपार्टमेंट अपनी तरफ से बात उठाने की कोशिश करता हैं उसे टाउन हॉल मीटिंग मे चुप करा दिया जाता हैं । इतना ही नहीं एक्सपेरियन्स , सैलरी और मेरिट के आधार पर कर्मचारियों मे भेदभाव किया जाता हैं । एयर इंडिया एक्स्प्रेस के कर्मचारियों का हायर रैंक के साथ इंटरव्यू क्लियर करने के बाद भी उन्हे लोवर ग्रेड जॉब दी गई कुछ शॉर्ट लिस्ट के लोगों को हटा दिया गया जब की बाहर से कम अनुभव पर लाए गए कर्मचारियों को हायर रैंक दी गई ।
टाटा कोड कंडक्ट के पारदर्शिता की कमी को लेकर कर्मचारी यूनियन ने अपनी चिंताए जाहिर की हैं उनका कहना हैं एयर एशिया इंडिया के कर्मचारियों को जहां परमननट पे रोल पर रखा गया हैं वहीं एक्सप्रेस के कर्मचारियों को अनुबंध के आधार पर रखा गया हैं । कर्मचारियों ने हाउस रेंट अलाउंस(HRA) , travel अलाउंस , dns जैसे जरूरी भत्तों को लेकर भी शिकायत दर्ज की हैं जो उन्हे एयर आशिया इंडिया के साथ मर्जर होने से पहले मिलते थे अब उन्हे हटा दिया गया हैं जिससे उनकी सैलरी बोहोत कम होगई हैं एयरलाइन्स को चलाने के sop मे कर्मचारियों को वर्षों के अनुभव और क्षमताओं को नजरअंदाज किया जा रहा हैं ।
इन सब का असर कस्टमर एक्सपीरियंस और कंपनी पेरफ़ॉर्मनस पर हो रहा हैं । कंपनी के मर्जर के बाद बेहतर होने की जगह बोहोत बातें बिगड़ गई है । अगर इसी तरह से कर्मचारियों को नजरअंदाज किया जाएगा तो आगे कर्मचारी क्या करेंगे इसकी हमे किसी को कोई संभावना नहीं हैं ।
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